क्या पुलिस एफआईआर के बिना मोबाइल फोन की सीडीआर निकाल सकती है?
जवाब: नहीं, आमतौर पर बिना एफआईआर नंबर के पुलिस किसी की सीडीआर नहीं निकाल सकती।
सीडीआर निकालने के लिए पुलिस को एक कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। इसमें एक एफआईआर दर्ज करना और फिर एक अधिकृत अधिकारी से अनुमति लेना शामिल होता है। एफआईआर एक आधिकारिक रिकॉर्ड होता है जो किसी अपराध के होने की सूचना देता है। यह पुलिस को जांच शुरू करने और आवश्यक सबूत इकट्ठा करने का अधिकार देता है।
क्यों जरूरी है एफआईआर?
* जांच का आधार: एफआईआर जांच का आधार होता है। इसके बिना पुलिस किसी व्यक्ति की निजी जानकारी तक पहुंचने का औचित्य नहीं दिखा सकती।
* अधिकारियों की अनुमति: एफआईआर के आधार पर ही पुलिस अधिकारी सीडीआर निकालने की अनुमति देते हैं।
* कानूनी प्रक्रिया: एफआईआर सुनिश्चित करती है कि सीडीआर निकालने की प्रक्रिया कानूनी दायरे में रहे।
सामान्य परिस्थितियों में, पुलिस बिना एफआईआर (FIR) के किसी भी व्यक्ति के मोबाइल फोन की सीडीआर (CDR) नहीं निकाल सकती। सीडीआर निकालने की प्रक्रिया कानूनी रूप से नियंत्रित होती है और इसके लिए पुलिस को उचित अनुमति और आधार की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, एफआईआर दर्ज करना इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह किसी अपराध की जांच शुरू करने का औचित्य प्रदान करता है।
अगर पुलिस किसी की कॉल डिटेल्स निकलवाना चाहती है तो इसके लिए उन्हें किससे परमिशन लेनी पड़ती है?
पुलिस को FIR नंबर के साथ उस जिले के SP की ऑफिसियल मेल से संबंधित मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को मेल करना पड़ता है तथा सीडीआर (CDR - कॉल डिटेल रेकॉर्ड) भी उसी मेल पर भेजा जाता है वहा से सीडीआर संबंधित पुलिस अधिकारी को भेज दिया जाता है। सीडीआर के लिए किसी की अनुमति नही लेनी पड़ती। अगर मोबाइल फ़ोन सर्विलांस पर लगाना हो तो उस राज्य के चीफ सेक्रेटरी (होम) से अनुमति लेनी पड़ती है।
जब पुलिस किसी की कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालती है तब पुलिस को क्या-क्या जानकारियां प्राप्त होती हैं?
कौनसी स्थिति में पुलिस कॉल रिकॉर्ड निकाल सकती है?
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे खिलाफ पुलिस शिकायत लंबित है? क्या मुझे नोटिस मिलेगा?
पुलिस कितने दिन की कॉल डिटेल निकाल सकती है?
क्या पुलिस बिना किसी कारण के किसी की कॉल रिकॉर्डिंग चेक कर सकती है?
अगर आप किसी ऐसे संदेशे मैं फंस जाते हैं तो पुलिस अगर किसी की कॉल डिटेल्स निकलवाना चाहता है तो सबसे पहले उसे उस से परमिशन लेना होगा जिसके नाम से व सीम रजिस्टर है अन्यथा व कुछ नहीं कर सकता धन्यवाद
मोबाइल कंपनी से कॉल रिकॉर्ड निकल ने की लिए पुलिस को क्या प्रोसेस करनी पड़ती है ?
भारत में, मोबाइल कंपनी से कॉल रिकॉर्ड निकलने के लिए पुलिस को निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी पड़ती है:
पुलिस को सबसे पहले एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज करनी होगी। FIR में, पुलिस को उस अपराध का विवरण देना होगा जिसके लिए कॉल रिकॉर्ड की आवश्यकता है।
FIR दर्ज करने के बाद, पुलिस को उस जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) की ओर से एक पत्र लिखना होगा। पत्र में, पुलिस को FIR नंबर, अपराध का विवरण और कॉल रिकॉर्ड की आवश्यकता का कारण बताना होगा।
SP के पत्र के साथ, पुलिस को संबंधित मोबाइल कंपनी को एक अनुरोध पत्र भी भेजना होगा। अनुरोध पत्र में, पुलिस को कॉल रिकॉर्ड की आवश्यकता की तारीख और समय सीमा बतानी होगी
कॉल डिटेल्स कितने साल तक का निकला जा सकता है?
भारत में, टेलीकॉम कंपनियों को कम से कम 2 साल तक कॉल डिटेल्स का रिकॉर्ड रखना जरूरी होता है। यह नियम दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा लागू किया गया है। 2 साल से पुराने डेटा को डिलीट करने से पहले टेलीकॉम कंपनियों को DoT से अनुमति लेनी होती है।
हालांकि, कुछ विशेष मामलों में, 2 साल से पुराने कॉल डिटेल्स भी प्राप्त किए जा सकते हैं। यह तब संभव होता है जब:
कानूनी जांच: यदि किसी आपराधिक मामले की जांच के लिए कॉल डिटेल्स की आवश्यकता हो, तो पुलिस या अन्य जांच एजेंसियां DoT से अनुमति प्राप्त करके पुराने डेटा तक पहुंच सकती हैं।
न्यायालय का आदेश: यदि किसी न्यायालय द्वारा कॉल डिटेल्स प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाता है।
क्या आप पुलिस द्वारा डीआर निकाले जाने के संबंध में और कुछ जानना चाहेंगे ? यदि हां,तो आप अपना सवाल हमें भेज सकते हैं । हम आपके सवाल का जवाब देने के लिए आपकी सेवा में तत्पर हैं।
विश्राम सिंह यादव
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