आज का मनुष्य अपने कामकाजा और जीवन की भागदौड़ में इतना व्यस्त हो गए हैं कि अपनी जीवनशैली और खान पर बुरा असर डालता है। आज के अधिकांश युवा यौन संबंधित समस्याओं से परेशान हैं, तनाव के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन का सामना कर रहे है।
इस समस्या के इलाज के कई लोग वियाग्रा का इस्तेमाल करते हैं, वियाग्रा लिंग में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाकर काम करती है, जिससे पुरुषों को यौन गतिविधि के दौरान एक मजबूत और अधिक निरंतर इरेक्शन का अनुभव करने में मदद मिलती है, आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स-
वियाग्रा कैसे काम करती है
वियाग्रा में सक्रिय घटक, सिल्डेनाफिल, फॉस्फोडिएस्टरेज़ टाइप 5 (PDE5) नामक एक एंजाइम को रोककर काम करता है, जो आमतौर पर लिंग में रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित करता है। जिससे लिंग क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जो यौन उत्तेजित होने पर इरेक्शन की सुविधा देता है।
उपयोग और खुराक
वियाग्रा को बिल्कुल वैसे ही लिया जाना चाहिए जैसा कि एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा निर्धारित किया गया है। यह तीन मानक खुराकों में उपलब्ध है: 25 मिलीग्राम, 50 मिलीग्राम और 100 मिलीग्राम।
कब लें: वियाग्रा आमतौर पर यौन गतिविधि से लगभग 30 मिनट से 1 घंटे पहले ली जाती है।
खाली पेट: सर्वोत्तम परिणामों के लिए, वियाग्रा को खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि उच्च वसा वाले भोजन से प्रभाव की शुरुआत में देरी हो सकती है।
भोजन के बाद: वियाग्रा को खाली पेट लेना इष्टतम है, यह भोजन के बाद लेने पर भी प्रभावी हो सकता है, हालांकि प्रभाव में देरी हो सकती है।
प्रभाव की शुरुआत: वियाग्रा आमतौर पर सेवन के 30 मिनट से 1 घंटे के भीतर काम करना शुरू कर देती है, हालांकि यह व्यक्तिगत कारकों के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
अधिकतम प्रभाव: वियाग्रा का पूरा प्रभाव आमतौर पर इसे लेने के 2 घंटे के भीतर महसूस किया जाता है।
प्रभाव की अवधि: प्रभाव 4 से 6 घंटे तक कहीं भी रह सकता है, कुछ व्यक्तियों को कम समय तक हल्के प्रभाव का अनुभव होता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वियाग्रा का प्रभाव सभी उपयोगकर्ताओं के लिए स्थिर नहीं है। कुछ के लिए, प्रभाव जल्दी खत्म हो सकता है, जबकि अन्य 6 घंटे तक लाभ का अनुभव कर सकते हैं।
लेखक:
विश्राम सिंह यादव
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