दीपावली, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।
दीपावली का इतिहास
रामायण
रामायण के अनुसार, भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन पर अयोध्यावासी दीप जलाकर उनका स्वागत करते हैं।
कृष्ण और नरकासुर
एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने असुर राजा नरकासुर का वध किया था। इस खुशी में लोगों ने दीप जलाए थे।
समुद्र मंथन
समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसीलिए दीपावली को धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का त्योहार भी माना जाता है।
दीपावली का महत्व
दीपावली का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है।
धार्मिक महत्व
दीपावली हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान राम, कृष्ण और देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है।
सामाजिक महत्व
दीपावली परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाया जाने वाला त्योहार है। यह लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधनों को मजबूत करता है।
सांस्कृतिक महत्व
दीपावली भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है। यह त्योहार भारत की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को दर्शाता है।दीपावली के दौरान कई रस्में निभाई जाती है।
जैसे: दीप जलाना
दीपावली का मुख्य आकर्षण दीप जलाना है। लोग अपने घरों और मंदिरों में दीप जलाकर अंधकार को दूर करते हैं।
लक्ष्मी पूजन
दीपावली की रात को लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और धन-धान्य की कामना करते हैं।
पटाखे चलाना: दीपावली के दौरान पटाखे चलाना एक लोकप्रिय रस्म है। हालांकि, पटाखों के कारण प्रदूषण होता है, इसलिए कई लोग अब पटाखों के कम इस्तेमाल का विकल्प चुन रहे हैं।
मिठाई खाना: दीपावली के दौरान विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और खाई जाती हैं।दीपावली एक ऐसा त्योहार है जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाता है। यह त्योहार हमें एक-दूसरे के साथ प्यार और भाईचारा का संदेश देता है।
विश्राम सिंह यादव
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